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प्रेम दीन के दुख का मरहम




मंच नमन🙏

*प्रेम दीन के दुख का मरहम*


प्रेम दीन के दुख का मरहम...
प्रेम का एक एहसास जरूरी..
प्रेम में दुनिया के गम भुलाने..
ऐसा कोई ना दूजा मरहम जग में..
प्रेम ही जोड़ता  सिलता सारे जख्म..
प्रेम से मिलती छोटी छोटी खुशियां..
प्रेम दीन के दुख का मरहम...
प्रेम  ना जाने  छोटा बड़ा , ऊंच नीच
सबको अपना ही समझे वह..
श्रीकृष्ण ने सुदामा को प्रेम दिया..
शबरी के प्रेम में प्रभु श्रीराम बंधे...
प्रेम से सृष्टि सृजन यह संभव..
प्रेम बिना सब जग वीरान महल..
प्रेम  दीन के दुख का मरहम...
प्रेम में  सब कुछ मिल जाता है..
सब दुख दर्द प्रेम का मरहम मिटाता...
प्रेम की भाषा ना जाने हर कोई..
जो जाने वह जग में हुआ दीवाना..।।





आरती तिवारी सनत
दिल्ली 

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8 Comments

Pratikhya Priyadarshini

26-Sep-2022 11:54 PM

Bahut khoob 💐👍

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Haaya meer

26-Sep-2022 07:29 PM

Amazing

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बहुत ही सुंदर सृजन और भावमय कविता

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